तेज़ क़दम चलें, कैंसर से बचेंभारत विशाल |
ब्रिटेन के वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि लोग तेज़ चलने की आदत डाल लें तो स्तन कैंसर और आँत के कैंसर के मामलों में भारी कमी आ सकती है. वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फ़ंड(डब्ल्यूसीआरएफ़) के वैज्ञानिकों का कहना है कि कोई ऐसा व्यायाम जिससे कि दिल की धड़कनें तेज़ हो जाती हों, कैंसर से बचाव की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. शारीरिक व्यायाम से मोटापे का ख़तरा भी कम हो जाता है. उल्लेखनीय है कि मोटापे से कैंसर का ख़तरा बढ़ता है. डब्ल्यूसीआरएफ़ की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि व्यायाम लगातार लंबे समय तक किया जाए, या छोटे-छोटे अंतराल में किया जाए, दोनों समान रूप से उपयोगी होते हैं. वैज्ञानिकों ने तेज़ क़दम से टहलने के अलावा साइकलिंग, तैराकी, नृत्य आदि को भी कैंसर से बचाव में उपयोगी गतिविधियों में शामिल किया है. अध्ययन की रिपोर्ट के महत्व को ब्रिटेन के परिदृश्य में देखते हुए डब्ल्यूसीआरएफ़ के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. रैचल थॉम्पसन कहते हैं, "इस बात के ठोस सबूत मिल चुके हैं कि सक्रिय शारीरिक गतिविधियाँ से कैंसर से बचाव के लिए महत्वपूर्ण हैं. ऐसी गतिविधियों को थोड़ा सा बढ़ा कर भी हर साल ब्रिटेन में कैंसर के मामलों में हज़ारों की कमी लाई जा सकती है." उन्होंने कहा, "नए अध्ययन से ये भी साबित होता है कि स्वास्थ्य संबंधी फ़ायदों के लिए रोज़ व्यायामशाला जाने की कोई ज़रूरत नहीं है. दिनचर्या में थोड़ा सा सुधार करने मात्र से ही कैंसर के ख़िलाफ़ बचाव हो सकता है. यहाँ तक कि तेज़ क़दम से टहलने मात्र से कैंसर का ख़तरा कम हो सकता है." डॉ. थॉम्पसन ने पैदल चलने को शौक के रूप में अपनाने की सलाह दी है. कैंसर रिसर्च यूके नामक एक अन्य ब्रितानी संस्था ने भी डब्ल्यूसीआरएफ़ के अध्ययन परिणामों को सही ठहराते हुए कहा है कि नियमित रूप से सामान्य व्यायाम करने वाले लोगों में स्तन और आँत के कैंसरों समेत कई तरह के कैंसर के मामले अपेक्षाकृत कम देखे जाते हैं. |
Friday, October 29, 2010
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